हर सुबह नेहा के बिस्तर पर एक मरा हुआ सांप का बच्चा मिलता था क्या ये श्राप था या कोई भयानक रहस्य?

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उसका शरीर ऐंठा और कुछ ही पलों में वह बेजान हो गया। पानी के किनारे उसका शरीर पड़ा रहा। मानो वह एक चेतावनी हो। सहेलियां हैरान थी लेकिन नेहा ने इसे सामान्य मानकर टाल दिया। उसने सोचा कि यह सब पुराने अंधविश्वास हैं। जहां गांव वाले कहते कि सांप मारने से अपशकुन होता है।

भूत प्रेत का साया पड़ता है। लेकिन नेहा ऐसे किस्सों पर विश्वास नहीं करती थी। सब ने कपड़े धोकर घर लौट लिया। लेकिन हवा में एक अजीब सी ठंडक छा गई थी। मानो तालाब का पानी अब शांत नहीं रहा। रात ढल गई। नेहा नानी के पुराने घर में अकेली सो रही थी। घर की दीवारें पुरानी थी और रात के सन्नाटे में हवा की सरसराहट कभी-कभी भयानक लगती। उस रात नेहा के सपनों में अजीब दृश्य उभरे। सैकड़ों सांप रेंगते हुए उसके चारों ओर घेरा डालते। वे पुकारते उनकी आंखें चमकती और अचानक हमला करते। नेहा पसीने से भीग कर आधी रात में जागी। 

उसका दिल जोरों से धड़क रहा था। कमरे में अंधेरा था। लेकिन बाहर जंगल से आने वाली आवाजें उसे और असहज कर रही थी। उसने सोचा कि यह सब उस सांप की घटना की वजह से दिमाग में घुस गया है। एक गिलास पानी पीकर वह वापस सो गई। लेकिन नींद में भी एक असहजता बनी रही। मानो कोई अदृश्य आंखें उसे घूर रही हो।

क्या यह सिर्फ सपना था या कोई बड़ा रहस्य शुरू हो चुका था? अगली सुबह गांव में एक नई हलचल थी। एक साधु लंबे जटाओं वाला गेरुए वस्त्रों में गांव में प्रवेश कर रहा था। उसकी आंखें गहरी थी मानो वे अनगिनत रहस्यों को जानती हो। वो एक युवती से कुछ पूछ रहा था और युवती ने उसे तालाब किनारे की घटना बता दी। साधु का चेहरा गुस्से से तमतमा उठा। उसकी मुट्ठियां भिज गई।

वह नेहा के घर की ओर पड़ा। जहां नेहा अभी-अभी जागी थी। साधु ने नेहा को देखते ही कहा कि उसने सिर्फ एक सांप नहीं मारा बल्कि उसके पेट में पल रहे बच्चों की भी हत्या की है। उसने श्राप दिया कि नेहा कभी सुख चैन से नहीं जी पाएगी। उसका हर दिन कष्ट से भरा रहेगा। नेहा स्तब्ध रह गई। लेकिन वह ऐसे श्रापों को पागलपन मानती थी।

साधु चला गया। लेकिन उसके शब्द घर की दीवारों में गूंजते रहे। नेहा ने इसे नजरअंदाज करने की कोशिश की। लेकिन मन में एक हल्का सा संदेह पैदा हो गया। क्या यह सिर्फ संयोग था या गांव में कोई गहरा रहस्य छिपा था? दिन बीता रात आई। नेहा सो गई लेकिन बाहर जंगल से एक सांप रेंगता हुआ आया। वह घर की दरार से अंदर घुसा।

कमरे में पहुंचा और चुपके से नेहा के बिस्तर पर चढ़ गया। नेहा गहरी नींद में थी। उसे कुछ पता नहीं चला। सांप उसके साथ लेट गया। मानो कोई रहस्यमई साथी जो अंधेरे में अपना काम कर रहा हो। सुबह नेहा उठी लेकिन उसे कुछ महसूस नहीं हुआ।

Ankit Verma

अंकित वर्मा एक रचनात्मक और जिज्ञासु कंटेंट क्रिएटर हैं। पिछले 3 वर्षों से वे डिजिटल मीडिया से जुड़े हैं और Tophub.in पर बतौर लेखक अपनी खास पहचान बना चुके हैं। लाइफस्टाइल, टेक और एंटरटेनमेंट जैसे विषयों में विशेष रुचि रखते हैं।

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