वो अपनी सहेलियों के साथ गांव घूमने निकली जहां रास्ते हरेभरे थे। लेकिन अचानक उसके पेट में तेज दर्द उठा। दर्द इतना तेज था कि वह जमीन पर बैठ गई। उसका चेहरा पीला पड़ गया। सहेलियां घबरा गई। उसे गांव के हकीम के पास ले गई। हकीम ने जांच की और बताया कि नेहा मां बनने वाली है। यह सुनकर नेहा और सहेलियां स्तब्ध रह गई। नेहा अविवाहित थी।
कभी किसी पुरुष के करीब नहीं हुई। वह भाग कर घर आ गई। उसका दिमाग घूम रहा था। क्या यह कोई चमत्कार था या कोई भयानक रहस्य?
नेहा ने सोचा कि यह गलती है।
वह शहर जाकर चेकअप कराएगी। लेकिन अगली सुबह जब वह जागी तो उसके बिस्तर पर एक छोटा सा सांप का बच्चा मरा हुआ पड़ा था। नेहा चीख पड़ी। डर से कांप गई। उसने उसे बाहर फेंक दिया। लेकिन मन में सवाल उमड़ने लगे। क्या रात में कोई आया था या यह श्राप का असर था?
दिन बीतते गए और हर रात पेट में दर्द होता जो रात भर बढ़ता रहता।
हर सुबह बिस्तर पर एक मरा हुआ सांप का बच्चा मिलता। नेहा का दिमाग खराब होने लगा। वह रातों को जागती रहती। कमरे की हर दरार को घूरती। गांव में अफवाहें फैलने लगी। लोग फुसफुसाते कि नेहा पर कोई साया है। नेहा अकेली रहती लेकिन अब घर एक जेल लगता जहां हर कोना रहस्य छिपाए था।
एक दिन नेहा नानी की पुरानी अलमारी में एक डायरी मिली जो धूल से ढकी थी। डायरी में नानी ने गांव के पुराने रहस्य लिखे थे। एक गुप्त समाज जो सांपों की पूजा करता था। जहां सांपों को मारना सबसे बड़ा अपराध माना जाता। डायरी में लिखा था कि वर्षों पहले एक ऐसी ही घटना हुई थी जहां एक औरत ने सांप मारा और फिर अजीब घटनाएं शुरू हो गई। नेहा का दिल धड़क उठा। क्या साधु उस समाज का हिस्सा था? क्या यह श्राप नहीं बल्कि कोई अपराध था? नेहा ने सोचा कि यह सब संयोग नहीं, कोई योजना है। रातें अब और भयानक हो गई।
सपनों में सांप नहीं बल्कि छायां दिखती हैं जो उसे घेरती। अंत में नेहा का दर्द असहनीय हो गया। उसने अपनी एक सहेली को सब कुछ बता दिया। सांप, दर्द, मरे बच्चे। सहेली ने सलाह दी कि साधु से माफी मांग ले। नेहा सहमत हुई और वे दोनों साधु को ढूंढने निकल पड़ी। गांव के जंगल, तालाब, मंदिर सब जगह खोजा। रास्ते में झाड़ियों से सरसराहट सुनाई देती। मानो कोई उन्हें देख रहा हो। क्या साधु मिलेगा? क्या नेहा का श्राप खत्म होगा?