जिस तरह राघव मुस्कुराते हुए बोला, मैडम, आज टमाटर ताजा है। बिल्कुल आपके लिए चुने हैं। वह बात एसपी मैडम के दिल में उतर गई। धीरे-धीरे वह बहाने से उससे बात करने लगी। कभी सब्जी के दाम पूछती, कभी मौसम पर बातें करती। राघव हमेशा सम्मान से पेश आता।
लेकिन उसकी नजरों में कभी भी वह चाहत नहीं झलकती जो एसपी मैडम चाहती थी। एक शाम उन्होंने साफ कहा, राघव मुझे तुम अच्छे लगते हो। मैं चाहती हूं कि तुम मेरे घर आया करो। मैं तुम्हारे करीब आना चाहती हूं।
राघव सन रह गया। उसने तुरंत हाथ जोड़ लिए। मैडम मैं शादीशुदा हूं और अपनी पत्नी से बेहद प्यार करता हूं। मैं गलत राह पर नहीं चल सकता।
एसपी मैडम की आंखों में ठंडापन उतर आया। उन्होंने धीरे से कहा, याद रखना मैं सिर्फ चाहत नहीं ताकत भी रखती हूं। अगर चाहूं तो तुम्हारी जिंदगी आसान भी कर सकती हूं और मुश्किल भी। राघव का चेहरा उतर गया।
उसके मन में डर समा गया। उस रात उसने सब कुछ अपनी पत्नी को बता दिया। पत्नी ने थोड़ी देर सोचा फिर बोली, अगर आपने सच्चाई छुपाई होती तो गलत होता लेकिन आपने सब बता दिया है।
हम दोनों साथ हैं लेकिन अब हमें समझदारी से काम लेना होगा। कुछ दिनों वास्की मैडम ने राघव को अपने घर बुलाया। पति बाहर। राघव मना करता रहा लेकिन एसपी मैडम का दबाव बढ़ता गया।
जब राघव ने यह अपनी पत्नी को बताया तो उसकी पत्नी बोली एसपी मैडम हम दोनों को नुकसान पहुंचा सकती है। आप अभी उनकी बात मान लीजिए भगवान हमारे लिए कुछ रास्ता जरूर निकालेंगे। राघव बार-बार सीटी मैडम के घर जाने लगा। कभी रात को कभी दिन में।
यहां तक कि वो उनके दफ्तर भी जाने लगा जहां लोग देखते थे कि एसपी मैडम उसे अपने कमरे में बुलाती हैं और दरवाजा बंद कर लेती है। बंद कमरे में एसपी मैडम राघव के साथ बहुत मजा करती।
जितना एसपी मैडम ने अपने पति के साथ मजा नहीं किया था। उससे ज्यादा राघव के साथ मजा करती थी और बाहर स्टाफ फुसफुसाता लेकिन कोई कुछ कहने की हिम्मत नहीं करता। राघव भी इस सबसे खुश नहीं था। वह बस अपनी पत्नी से प्यार करता था।


















