आराध्या और रमेश एक दूसरे से लिपटे हुए गहरी नींद में थे। उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया। लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। वह चुपचाप बाहर निकल गया। दिन में वह दोबारा घर लौटा। तब तक आराध्या अपने ऑफिस जा चुकी थी और रमेश घर की सफाई कर रहा था। सिद्धार्थ ने उसे पूरे दिन की छुट्टी दे दी।
फिर उसने सीसीटीवी की रात की फुटेज देखी। टीवी स्क्रीन पर हर दृश्य साफ था। उसकी पत्नी और नौकर उसके पीठ पीछे यह सब कर रहे थे। उसका खून खौल उठा। सिद्धार्थ ने दराज से आराध्या की सरकारी बंदूक उठाई।
वह रमेश के घर पहुंचा। रमेश दरवाजा खोलते ही सिद्धार्थ को देखकर चौंक गया। सिद्धार्थ ने बिना कुछ कहे बंदूक तानी और गोली चला दी। रमेश का शरीर जमीन पर गिर पड़ा और खून चारों ओर फैल गया। सिद्धार्थ ने ठंडे दिमाग से डीजीपी को फोन किया।
डीजीपी जो आराध्या का पिता भी था को सारी बात बताई। डीजीपी ने गुस्से में आराध्या को ऑफिस बुलाया। उसे सारी सच्चाई सुनाई और उसे निलंबित कर दिया। सिद्धार्थ ने आराध्या से तलाक ले लिया। डीजीपी का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ था। उसने अपनी बेटी को सबक सिखाने के लिए उसकी शादी एक गधे से करा दी।
फिर उसे जूतों का हार पहनाकर गली में घुमाया गया। लोग हंसते थे, ताने मारते थे और आराध्या का सिर शर्मिंदगीगी से झुका हुआ था। अब सवाल यह है कि क्या सिद्धार्थ ने सही किया? क्या रमेश और आराध्या की गलती इतनी बड़ी थी कि उन्हें यह सजा मिलनी चाहिए थी? कहानी यहां खत्म होती है। लेकिन जवाब आप पर छोड़ती है। अगर आपको हमारी मेहनत और यह वीडियो पसंद आई तो एक लाइक जरूर करें। ऐसी और बढ़िया-बढ़िया वीडियो देखने के लिए हमारे चैनल को करें सब्सक्राइब और कमेंट में बताइए आपको वीडियो कैसी लगी। मिलते हैं अगली वीडियो में। तब तक के लिए बाय।