उसने तुरंत अपना सूट उठाया और बिना एक शब्द कहे दुकान से बाहर निकल गई। लेकिन नीलम ने ठान लिया था कि वह चुप नहीं रहेगी। नीलम सीधे सूरजपुर पुलिस स्टेशन पहुंची। वहां की एसपी अनीता शर्मा एक ऐसी महिला थी जिनका नाम सुनकर अपराधी कांपते थे। 35 साल की अनीता ना केवल तेज तर्रार थी बल्कि उनके पास एक गजब का दिमाग भी था। उनके काले घने बाल, तेज नजरें और आत्मविश्वास से भरा चेहरा उन्हें एक अलग ही रुतबा देता था।
नीलम ने अनीता को सारी बात बताई। किशन की गलत हरकतें, उसकी चालाक नजरें और नाप लेने के बहाने की गई छेड़छाड़। अनीता की भवें तन गई। उन्होंने नीलम का हाथ थाम कर कहा। तुम चिंता मत करो। इस बार किशन को सबक मिलेगा। अनीता जानती थी कि किशन जैसे लोग चालाक होते हैं। अगर वह पुलिस की वर्दी में उसकी दुकान पर गई तो वह सतर्क हो जाएगा और उसका अपराध पकड़ा नहीं जाएगा।
इसलिए उन्होंने एक चतुर योजना बनाई। अनीता ने अपने पुलिस स्टेशन के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों को बुलाया। इंस्पेक्टर विनोद और सब इंस्पेक्टर रीना। उन्होंने एक गुप्त ऑपरेशन की रूपरेखा तैयार की। योजना थी कि अनीता सादी वेशभूषा में किशन की दुकान पर जाएंगी और उसे हाथों पकड़ा जाएगा।
अगले दिन सुबह की हल्की धुंध में अनीता ने अपनी पुलिस वर्दी उतारी। उन्होंने एक हल्के गुलाबी रंग की सलवार कमीज पहनी जो साधारण थी। लेकिन उनकी खूबसूरती को और निखार रही थी। उनके बाल खुले थे और चेहरे पर एक सादगी भरा भाव था। वो एक पुराना सा सूट लेकर किशन की दुकान की ओर चल पड़ी। उनके साथ विनोद और रीना सादी वर्दी में पास की गली में छिपे थे ताकि सही समय पर कारवाई की जा सके। किशन की दुकान का माहौल वैसा ही था।
पुराना लकड़ी का काउंटर, दीवारों पर टंगे रंग बिरंगे कपड़े और वह चालाक मुस्कान। अनीता ने दुकान में कदम रखा और स्वर में कहा कि उन्हें एक सूट सिलवाना है। किशन की आंखों में वही लालच भरी चमक थी। उसने तुरंत नाप लेने की बात कही और अनीता को अंदर के कमरे में ले गया।
कमरे में पुराना पंखा अभी भी धीरे-धीरे घूम रहा था और हवा में एक अजीब सी तनाव की गंध थी। किशन ने इंच टेप उठाया और नाप लेना शुरू किया। लेकिन जल्द ही उसकी असली मंशा सामने आने लगी। उसका हाथ अनीता की कमर पर जरूरत से ज्यादा देर रुका और उसकी उंगलियां अनुचित तरीके से उनकी त्वचा को छूने लगी। अनीता का खून खल रहा था। लेकिन वह जानती थी कि अब भी धैर्य रखना जरूरी है। उन्होंने किशन को और मौका दिया ताकि उसका अपराध पूरी तरह सामने आ जाए। किशन की हरकतें बढ़ती गई।












