लेकिन हवेली में रहते हुए नीलिमा को महसूस हुआ, यहाँ कुछ तो अजीब है। घर के लोग दिखते तो थे, पर उनकी आँखों में जैसे कोई गहरा राज़ छुपा था

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नीलिमा ने दरवाज़ा धक्का देकर खोला। अंदर अंधेरा था। उसने मोबाइल की टॉर्च जलाई। सामने का दृश्य देखकर उसकी चीख़ निकल गई।

अंदर एक लड़की जंजीरों से बँधी थी। चेहरा गंदगी से भरा, आँखों में डर, होंठ सूखे। वह नीलिमा को देखते ही रोते हुए बोली—
“मुझे बचाओ… मुझे यहाँ सालों से कैद कर रखा है…”

नीलिमा का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा। वह कुछ समझ ही नहीं पा रही थी कि तभी पीछे से किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया।

“भाभी, आपने दरवाज़ा क्यों खोला?”

रोहित खड़ा था। उसकी आँखों में गुस्सा और बेचैनी थी।

“ये… ये लड़की कौन है?” नीलिमा ने काँपते हुए पूछा।

रोहित चुप रहा। तभी पीछे से सास और ससुर भी आ पहुँचे। सास के चेहरे पर कठोरता थी।

“नीलिमा, जो देखा है, उसे भूल जाओ। ये हमारी पारिवारिक बात है। बाहर कही तो अंजाम अच्छा नहीं होगा।”

नीलिमा हतप्रभ थी। उसके दिमाग़ में हज़ार सवाल घूम रहे थे।

वह लड़की कौन थी? क्यों कैद थी? परिवार क्यों सच छुपा रहा था?

नीलिमा ने ठान लिया—अब वह इस राज़ का पर्दाफाश करके ही रहेगी।

Ankit Verma

अंकित वर्मा एक रचनात्मक और जिज्ञासु कंटेंट क्रिएटर हैं। पिछले 3 वर्षों से वे डिजिटल मीडिया से जुड़े हैं और Tophub.in पर बतौर लेखक अपनी खास पहचान बना चुके हैं। लाइफस्टाइल, टेक और एंटरटेनमेंट जैसे विषयों में विशेष रुचि रखते हैं।

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