मीरा ने इंस्पेक्टर को घेरकर बार-बार चाकू मारा और फिर उसके शरीर के टुकड़े शहर के अलग-अलग कोनों में बिखेर दिए।

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अस्पताल में डॉक्टर ने मीरा को बताया कि उसकी मां कोमा में है। सिर पर गहरी चोट थी और उसकी हालत बहुत नाजुक थी। डॉक्टर की बातें सुनकर मीरा टूट गई। वो अपनी मां के बिस्तर के पास बैठी और घंटों रोती रही।

उसकी आंखों के सामने अपनी मां की मेहनत, उसकी मुस्कान और अब उसकी यह हालत घूम रही थी। लेकिन दुख जल्द ही गुस्से में बदल गया। उसने फैसला किया कि वह उस इंस्पेक्टर से हिसाब बराबर करेगी। अगली सुबह मीरा पुलिस स्टेशन पहुंची। उसने इंस्पेक्टर को ढूंढा और उससे अपनी मां के साथ हुए अन्याय का जवाब मांगा।

इंस्पेक्टर ने उसकी बात को हल्के में लिया। उसने मीरा को धमकाया, जेल में डालने की बात कही और यहां तक कि उसकी इज्जत लूटने की धमकी दी। मीरा का खून खौल उठा लेकिन वह अकेली थी और पुलिस स्टेशन में इंस्पेक्टर के साथी भी मौजूद थे। वह समझ गई कि यहां कुछ नहीं होगा। डर और गुस्से से भरी हुई वह चुपचाप वहां से चली गई। रास्ते में चलते हुए मीरा के दिमाग में एक आंधी चल रही थी। उसका अतीत उसके सामने आ गया।

कॉलेज में आने से पहले मीरा एक स्थानीय गुंडे के गिरोह का हिस्सा थी। उसने चोरी की थी, मारपीट की थी, लेकिन अपनी मां की खातिर उसने वह जीवन छोड़ दिया था। अब उसकी मां की हालत और इंस्पेक्टर की धमकियों ने उसके अंदर की उस जंगली लड़की को फिर से जगा दिया।

उसने फैसला किया कि वह इंस्पेक्टर को खत्म कर देगी। मीरा ने इंस्पेक्टर की दिनचर्या पर नजर रखी। उसने पता लगाया कि वह हर शाम एक सुनसान गली में अपने दोस्त से मिलने जाता है। उसने एक तेज धार वाला चाकू खरीदा और अपनी योजना बनाई। एक रात जब आसमान पर बादल छाए थे और सड़कें खाली थी। मीरा ने इंस्पेक्टर का पीछा किया। जैसे ही वह अपने दोस्त के घर से निकला, मीरा अंधेरे से निकली और उस पर झपटी।

उसने चाकू को इंस्पेक्टर की गर्दन में इतनी जोर से घों कि खून की एक फुहार हवा में उड़ गई। इंस्पेक्टर ने बचने की कोशिश की। लेकिन मीरा ने उसे जमीन पर गिरा दिया और बार-बार चाकू मारा। उसकी छाती, पेट और चेहरा खून से लथपथ हो गया। इंस्पेक्टर की आंखें खुली रह गई लेकिन उनमें अब कोई जान नहीं थी। मीरा के हाथ कांप रहे थे। लेकिन उसका गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ था।

उसने इंस्पेक्टर के शरीर को एक बोरी में डाला और अपनी पुरानी स्कूटी पर लाद लिया। वह उसे अपने घर ले गई जो उसकी मां के अस्पताल में होने की वजह से खाली था।

उसने शरीर को बाथरूम में खींचा, अपने कपड़े उतारे और एक पुरानी साड़ी पहन ली। फिर उसने चाकू और एक छोटी आरी निकाली। उसका इरादा था कि वह इस शरीर को हमेशा के लिए गायब कर दे। यह एक भयानक दृश्य था। मीरा ने पहले इंस्पेक्टर के हाथ काटे। आरी हड्डियों से टकराई तो एक डरावनी आवाज निकली और खून फर्श पर फैल गया। उसने पैर अलग किए। फिर धड़ को टुकड़ों में बांटा।

Ankit Verma

अंकित वर्मा एक रचनात्मक और जिज्ञासु कंटेंट क्रिएटर हैं। पिछले 3 वर्षों से वे डिजिटल मीडिया से जुड़े हैं और Tophub.in पर बतौर लेखक अपनी खास पहचान बना चुके हैं। लाइफस्टाइल, टेक और एंटरटेनमेंट जैसे विषयों में विशेष रुचि रखते हैं।

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