दरवाज़ा खुलते ही वह जल्दी-जल्दी बेटे को कमरे में भेजती और खुद बाथरूम में गायब हो जाती।

Published on:

लगभग सात साल की शादी, एक पाँच साल का बेटा और लखनऊ में बसा हुआ छोटा-सा परिवार—मेरी ज़िंदगी उतनी ही साधारण लगती थी जितनी किसी आम इंसान की। मैं अक्सर सोचता था कि खुशहाल परिवार का मतलब होता है गरमागरम खाना, एक सुरक्षित घर और हर शाम अपनों के साथ बैठकर बातें करना। मुझे लगता था कि यही स्थिरता ही असली सुख है।

लेकिन, एक महीने पहले सब कुछ बदलना शुरू हो गया। मैंने नोटिस किया कि मेरी पत्नी अंजलि हर दिन काम से लौटने के बाद, जब बेटे आरव को किंडरगार्टन से लेकर आती, तो सीधे बाथरूम में चली जाती। न तो मुझसे बात करती, न ही खाना पूछती, बस दरवाज़ा बंद करके अंदर गुम हो जाती। पहले-पहल मैंने सोचा कि गर्मी और थकान की वजह से वह सीधे नहाना चाहती होगी। लेकिन जब यह सिलसिला लगातार तीस दिन तक चला, तो मेरे भीतर बेचैनी पनपने लगी।

हर दिन वही दृश्य। दरवाज़ा खुलते ही वह जल्दी-जल्दी बेटे को कमरे में भेजती और खुद बाथरूम में गायब हो जाती। मेरे मन में अजीब-अजीब ख्याल आने लगे—क्या वह मुझसे कुछ छिपा रही है? क्या कोई ऐसा राज़ है जिसे मैं जान ही नहीं पा रहा? या फिर कोई डरावनी सच्चाई, जिसका सामना करने से वह कतराती है?

मैंने कई बार casually पूछने की कोशिश की। एक रात बगल में लेटे मैंने हिम्मत जुटाकर कहा,
“अंजलि, तुम हर दिन घर आते ही बाथरूम क्यों भाग जाती हो?”

उसने मुस्कुराकर कहा, “बस साफ़-सुथरा और आरामदायक महसूस करना चाहती हूँ। तुम क्या सोच रहे हो…”

उसका जवाब सामान्य था, लेकिन उसकी आँखों की झिझक मुझे चैन से सोने नहीं देती थी। मेरा शक और गहरा होता गया।

Ankit Verma

अंकित वर्मा एक रचनात्मक और जिज्ञासु कंटेंट क्रिएटर हैं। पिछले 3 वर्षों से वे डिजिटल मीडिया से जुड़े हैं और Tophub.in पर बतौर लेखक अपनी खास पहचान बना चुके हैं। लाइफस्टाइल, टेक और एंटरटेनमेंट जैसे विषयों में विशेष रुचि रखते हैं।

Latest Stories

Leave a Comment