प्रिया ने पति राहुल का सिर काटकर नीले ड्रम में सीमेंट से हमेशा के लिए दफना दिया और बाहर दुनिया को मुस्कुराकर धोखा देती रही।

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एक ज़हर जो शरीर को लकवा मार देता है। उसने राहुल के पानी के गिलास में कुछ बूंदे डाली और उसे पिलाया। राहुल की आंखें खुली। लेकिन वह हिल नहीं पाया। उसकी नजरों में सवाल था। डर था। प्रिया ने फिर एक चाकू उठाया। उसने धीरे-धीरे बिना जल्दबाजी के राहुल के शरीर को काटना शुरू किया। पहले उसका दाया हाथ। चाकू की आवाज लकड़ी के फर्श पर गूंज रही थी। खून फर्श पर फैल गया।

गर्म और लाल। प्रिया के चेहरे पर कोई भाव नहीं था। जैसे वह मशीन हो। उसने राहुल का सिर काटा और उसे एक तरफ रख दिया। बाहर हवा सिसकार रही थी जैसे कोई चीख रहा हो। हत्या के बाद प्रिया ने उस नीले ड्रम को खोला। उसने राहुल के टुकड़े, हाथ, पैर धड़ सबको ड्रम में डाला।

फिर स्टोरेज से सीमेंट का थैला लाई और पानी मिलाकर ड्रम को भर दिया। सीमेंट सख्त होने लगा और राहुल का शरीर उसमें हमेशा के लिए दफन हो गया तो उसने खून साफ किया। फर्श पर पानी डाला और सामान्य कपड़े पहन लिए। सुबह जब कर्मचारी आए प्रिया रोते हुए बोली राहुल सुबह टहलने गया और लौटा नहीं।

सभी उसे ढूंढने निकले। प्रिया ने ड्रम को स्टोरेज के कोने में छिपा दिया था। एक कर्मचारी ने पूछा यह ड्रम यहां क्यों है? प्रिया ने कहा बस कुछ पुराना सामान है। उसकी आवाज में कंपन नहीं था। कर्मचारी ने संदेह से देखा लेकिन आगे नहीं बढ़ा। दोपहर तक पुलिस पहुंची। इंस्पेक्टर अजय ने प्रिया से पूछताछ की। वह कहां गया? प्रिया रो रही थी। मुझे नहीं पता। वह सुबह निकला और उसकी बात कटी। लेकिन उसकी आंखों में ठंडक थी।

तलाशी में बाथरूम में खून के धब्बे मिले। फिर स्टोरेज में वह नीला ड्रम दिखा। उसे एक सात आ रही थी। जब पुलिस ने उसे तोड़ा तो अंदर राहुल का शव था। सीमेंट में जमा हुआ। उसकी आंखें खुली हुई जैसे अभी भी कुछ कहना चाहता हो। प्रिया को हिरासत में लिया गया। उसने कबूल किया। मैंने उसे मारा। मुझे आवाजें सुनाई देती थी।

पुलिस को उसकी डायरी मिली जिसमें लिखा था वह मेरा दुश्मन है। उसे खत्म करना होगा। हर पन्ने पर खून के छींटे थे। प्रिया ने बताया कि वह बचपन से आवाजें सुनती थी। शादी के बाद वह तेज हो गई। उसकी मानसिक हालत को देखते हुए उसे अस्पताल भेजा गया। प्रिया को ले जाया जा रहा था।

उसने अचानक मुस्कुराते हुए कहा, आवाजें कभी नहीं रुकेंगी। पुलिस वाले उसे कार में डाल रहे थे। तभी इंस्पेक्टर अजय को एक फुसफुसाहट सुनाई दी। अजय उसे मार दो। उसने चौंक कर चारों ओर देखा लेकिन कुछ नहीं था। जंगल से सिसकारी फिर सुनाई दी। क्या यह प्रिया का पागलपन था या उस रिसोर्ट में सचमुच कुछ था? यह सवाल अनसुलझा रह गया। अगर आपको यह वीडियो पसंद आई हो तो वीडियो को लाइक करें और चैनल को सब्सक्राइब करें। ऐसी और भी वीडियो देखने के लिए प्यारा सा कमेंट करें।

Ankit Verma

अंकित वर्मा एक रचनात्मक और जिज्ञासु कंटेंट क्रिएटर हैं। पिछले 3 वर्षों से वे डिजिटल मीडिया से जुड़े हैं और Tophub.in पर बतौर लेखक अपनी खास पहचान बना चुके हैं। लाइफस्टाइल, टेक और एंटरटेनमेंट जैसे विषयों में विशेष रुचि रखते हैं।

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