हमें इस राक्षस से छुटकारा पाना होगा। मोनी ने सहमति में सिर हिलाया और रेखा जो अभी तक डरी हुई थी ने भी हिम्मत जुटाई। वे जानती थी कि यह खतरनाक है। लेकिन उनके पास और कोई रास्ता नहीं था। उन्होंने योजना बनाई कि वे किशन लाल को मार डालेंगी। अगले दिन जब जेल में लंच का समय हुआ। नेहा ने एक कांटा चम्मच को अपने कपड़ों में छुपा लिया। वह इसे सेल में ले गई और रात का इंतजार करने लगी। उस दिन तीनों लड़कियों की आंखों में एक अजीब सी चमक थी। डर की जगह अब गुस्सा और इरादा ले चुका था।
रात हुई। गांव की सड़कें सुनसान थी और जेल में सन्नाटा छाया था। किशनल लाल फिर से अपनी आदत के मुताबिक सेल की ओर बढ़ा। उसने ताला खोला और अंदर घुसा। उसकी आंखों में वही गंदी चमक थी और वह नेहा की ओर बढ़ा। लेकिन इस बार कुछ अलग था। जैसे ही वह पास आया, नेहा ने कांटे को अपनी मुट्ठी से निकाला और उसकी आंखों पर जोर से वार किया। किशन लाल दर्द से चीखा और पीछे हटा।
लेकिन मोनी और रेखा ने उसे पकड़ लिया। नेहा ने फिर से वार किया। इस बार उसकी गर्दन पर खून की धार फूट पड़ी। किशन लाल जमीन पर गिरा लेकिन लड़कियां रुकी नहीं। खून चारों ओर फैल गया और जेल की फर्श लाल हो गई। मोनी ने हाथ पैर काटे और रेखा ने शरीर को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट दिया। यह दृश्य इतना भयानक था कि शायद खुद शैतान भी कांप उठे।
जब वे थक गई तो सेल का कोना खून और मांस के टुकड़ों से भर गया था। अगली सुबह जब गार्ड ने सेल में झांका तो वह चीख पड़ा। पुलिस को बुलाया गया। गांव में हड़कंप मच गया। पुलिस ने लड़कियों को गिरफ्तार किया और पूछताछ की। उन्होंने सारी बात कबूल कर ली। किशन लाल की हरकतें, उनका दर्द और फिर उसकी हत्या। लेकिन कानून को इससे फर्क नहीं पड़ता। कोर्ट में मुकदमा चला।
गांव के लोग वहां जमा थे। कुछ ने लड़कियों का साथ दिया लेकिन सबूत उनके खिलाफ थे। कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा सुना दी। एक ठंडी सुबह तीनों को फांसी के तख्ते पर ले जाया गया। रस्सी उनके गले में डाली गई और एक झटके के साथ उनकी सांसे थम गई। गांव में सन्नाटा छा गया। लोग फुसफुसाते रहे कि क्या यह सजा सही थी? अगर आपको यह वीडियो पसंद आई हो तो वीडियो को लाइक करें और चैनल को सब्सक्राइब करें। ऐसी और भी वीडियो देखने के लिए प्यारा सा कमेंट करें।