अपार्टमेंट 706 की लाल रोशनी में गूंजती चीखें, जहां हंसी खेल में बदलकर मौत की खामोशी बन गई।

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बिल्कुल भी डरी हुई नहीं बल्कि एकदम ठंडी और जानलेवा। नैना हौले से हंसी। आखिरकार तुम दोनों असली चेहरे में आ ही गए। राहुल चीखा। तू कौन है? नैना ने हथकड़ी हीरे से खींच कर दिखाया। पता चला वो नकली थी। वो पहले से ही खुल चुकी थी।

 मैं वही हूं जिसे तुम ढूंढ रहे थे। उस लड़की की बहन जिसे तुमने इसी कमरे में मारा था। विक्रम चौंक गया क्या? आखिरी चीख आखिरी सांस सब यहीं गूंज रही थी। नैना ने जेब से एक छोटा सा पेनड्राइव निकाला। उसमें आवाजें रिकॉर्ड थी। जैसे ही उसने चलाया, कमरे में लड़कियों की चीखें गूंजने लगी। राहुल और विक्रम डर से कांपने लगे। 

उनकी सारी मर्दानगी उस पल हवा हो गई। अब माहौल बदल चुका था। लाल रोशनी में उनकी आंखों में दर्द चमक रहा था। राहुल गुस्से में बोला, “अगर तू बदला लेने आई है, तो तेरा भी वही हाल होगा।” उसने चाकू निकाला और नैना पर झपटा।

लेकिन नैना ने पलटवार किया। उसने मेज से टूटी बोतल उठाई और राहुल के हाथ में खोप दी। राहुल दर्द से चीख पड़ा। विक्रम नैना ने चैन में विक्रम की गर्दन पकड़ ली और उसका गला दबाने लगी। विक्रम हाफने लगा। छोड़ छोड़ मुझे। नैना ने गरजते हुए कहा जैसे तुमने मेरी बहन को छोड़ा था और चैन और कस दी।

राहुल खून से लथपथ हाफ रहा था। तू पुलिस है। नैना ने ठंडी हंसी-हंसी। नहीं मैं सिर्फ बहन हूं और दहन का बदला। मौत ही है। आंखें चीख कमरे में गूंजी। दरवाजा बंद था। बाहर से लगेगा। अभी भी कोई एडल्ट गेम चल रहा है। लेकिन अंदर मौत का खेल पूरा हो चुका था। नैना ने आईने में खुद को देखा। होठों पर खून की बूंद और आंखों में आग।

उससे फुसफुसाकर कहा, अब मेरी बहन चैन से सो पाएगी। इसके बाद नैना ने कमरे की हर चीज को अच्छे से देखा। उसे कई और लड़कियों की चीजें मिली। बालियां, पर्स, कपड़े सब देखकर उसका गुस्सा और बढ़ गया। उसे समझ आ गया कि इन दरिंदों ने कितनी जिंदगियां बर्बाद की है।

Ankit Verma

अंकित वर्मा एक रचनात्मक और जिज्ञासु कंटेंट क्रिएटर हैं। पिछले 3 वर्षों से वे डिजिटल मीडिया से जुड़े हैं और Tophub.in पर बतौर लेखक अपनी खास पहचान बना चुके हैं। लाइफस्टाइल, टेक और एंटरटेनमेंट जैसे विषयों में विशेष रुचि रखते हैं।

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