कहानी शुरू होती है दिल्ली से जहां राहुल और प्रिया रहते हैं। राहुल एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। 32 साल का, लंबा, गोरा और हमेशा हंसता हुआ। उसकी मुस्कान में एक अजीब सादगी थी जो लोगों को उसकी ओर खींचती थी। प्रिया 28 साल की थी। शांत, रहस्यमई और बेहद खूबसूरत।
उसकी आंखें गहरी थी जैसे उनमें कोई राज छिपा हो। दोनों की शादी बड़े धूमधाम से हुई थी। शादी का मंडप फूलों से सजा था। ढोल नगाड़ों की आवाज थी और मेहमानों की भीड़ थी। लेकिन उस दिन कुछ अजीब हुआ था। प्रिया मेहंदी की रस्म के दौरान अकेले में बड़बड़ा रही थी। जैसे कोई उससे बात कर रहा हो। उसकी सांस ने देखा और पूछा क्या हुआ बेटी? प्रिया ने जल्दी से मुस्कुराते हुए कहा, कुछ नहीं मां। बस थक गई हूं।
शादी के 7 दिन बाद राहुल ने कहा, “प्रिया, हनीमून के लिए कहां चलें?” प्रिया ने चुपचाप कहा, कहीं शांत जगह। राहुल ने एक वेबसाइट पर मेघालय के एक पुराने रिसोर्ट के बारे में पढ़ा था। नाम था हिल्स ऑफ साइलेंस। यह पहाड़ों में बसा था। चारों ओर घना जंगल और कोई शहरी भीड़भाड़ नहीं।
उसने प्रिया को तस्वीरें दिखाई। लकड़ी का एक पुराना केबिन जिसके बाहर कोहरा छाया रहता था। प्रिया ने तस्वीर को देखा और कहा यही ठीक है। उसकी आवाज में एक अजीब निश्चितता थी।
पैकिंग के दौरान राहुल ने देखा कि प्रिया एक बड़ा नीला ड्रम अपने साथ ले जा रही थी। यह क्या है? उसने पूछा। प्रिया ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, बस कुछ सामान रखने के लिए। राहुल को अजीब लगा।
लेकिन उसने सोचा शायद कोई शौक होगा। अगली सुबह वे अपनी कार से निकल पड़े। दिल्ली की व्यस्त सड़कों को पीछे छोड़ते हुए वे हाईवे पर पहुंचे। राहुल गाड़ी चला रहा था और प्रिया खिड़की से बाहर देख रही थी। रास्ते में खेत थे। दूर पहाड़ दिख रहे थे और हवा में हल्की ठंडक थी। उसने प्रिया से कहा यह हमारा हनीमून ट्रिप है।
कुछ तो बोलो। प्रिया ने हल्का सा मुस्कुराया और कहा सचमुच बहुत शांति है यहां लेकिन उसकी नजरें जंगल में टिकी थी। जैसे कुछ ढूंढ रही हो। अचानक उसने बुदबुदाया। वह मुझे बुला रहा है। राहुल ने पूछा क्या कहा? प्रिया ने चौंक कर कहा। कुछ नहीं। शायद हवा की आवाज थी।