आरुषि को लगा कि शायद यह कोई कीमती चीज है। कोई प्राचीन कलाकृति। उसने बोतल को थोड़ा साफ किया और अचानक बोतल से धुआं निकला। धुआं घुमावदार आकार लेते हुए एक विशालकाय आकृति में बदल गया। वो एक चिन्ह था। लंबा, शक्तिशाली, आंखें चमकदार और आवाज गूंजदार। आरुषी डर से पीछे हट गई।
उसे लगा कि यह कोई भूत है, कोई जंगली आत्मा। उसकी चीख जंगल में गूंज उठी। लेकिन जिन्न ने धीरे से उसका हाथ पकड़ा और उसे शांत किया। जिन्न ने खुद को नकवाशक समुदाय का जिन्न बताया जो सदियों से बोतल में कैद था। वह किसी भी इंसान की दो इच्छाएं पूरी कर सकता था। लेकिन तीसरी इच्छा उसे खुद पूरी करनी पड़ती थी।
अगर वह इच्छा पूरी ना हुई तो इंसान को अपनी जान गवानी पड़ती थी। यह एक सौदा था। इच्छाओं के बदले एक कीमत। आरुषे चौंक गई। वह सोचने लगी कि ऐसा कौन सा जिन्न है जो अपनी इच्छा खुद पूरी नहीं कर सकता और एक इंसान की मदद मांगता है। जिन्न ने बताया कि उसकी तीसरी इच्छा उसकी आजादी से जुड़ी है। उसे बोतल से मुक्त होने के लिए इंसान की मदद चाहिए। आरुषि ने ज्यादा ना सोचते हुए अपनी पहली इच्छा जताई।
उसके कपड़े भीगे थे। ठंड लग रही थी। वह चाहती थी कि जिन्न गर्मी का कोई इंतजाम करे ताकि उसके कपड़े सूख जाएं और ठंड ना लगे। जिन्न ने ताली बजाई और झोपड़ी में एक आग जल उठी। लपटें नाचने लगी। गर्मी फैलने लगी। आरुष ने आग के सामने अपने कपड़ों और शरीर को सुखाया। ठंड भाग गई और वह राहत महसूस करने लगी। कुछ देर बाद जब उसके कपड़े सूख गए और गर्मी का एहसास हुआ। उसने अपनी दूसरी इच्छा बताई।
वो अपनी मां से मिलना चाहती थी जो 10 साल पहले गुजर चुकी थी। जिन्न ने फिर ताली बजाई और आरुषि की मां उसके सामने प्रकट हो गई। आरुषि की आंखें भर आई वो खुशी से रोने लगी। दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया। आरुषि ने मां को बताया कि यह जिन्न की शक्तियों का कमाल है। उन्होंने पुरानी यादें ताजा की। हंसीज़ाक किया। दुख सुख बांटे।
समय बीतता गया और अचानक जिन्न ने कहा कि समय खत्म हो गया। आरुष ने पूछा कि क्या मतलब? जिन्न ने बताया कि उसने मिलने का समय नहीं मांगा था। इसलिए नियम के अनुसार सिर्फ आधा घंटा ही दिया गया था। अब मां वापस चली जाएगी। आरुष उदास हो गई। उसने मां को गले लगाया और मां गायब हो गई। आरुषे अब सतर्क हो गई।
उसे लगा कि आगे की इच्छाएं सोच समझ कर मांगनी होंगी। लेकिन जिन्न ने उसे याद दिलाया कि उसकी दोनों इच्छाएं पूरी हो चुकी हैं। अब बारी उसकी इच्छा पूरी करने की थी। आरुष ने कहा कि बताओ क्या करना है? जिन्न ने खुलासा किया कि एक नकवाशक जिन्न तभी आजाद हो सकता है जब कोई इंसान उसके साथ संभोग करे।












