मुंबई की बोरीवली कॉलोनी में एक ट्यूशन क्लास से शुरू हुई मासूम कहानी, जब खून और धोखे की दास्तान बन गई जिसने सबको हिला कर रख दिया।

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उनकी आंखों में गुस्सा चमकने लगा। तुम यह नहीं कर सकते रोहन। उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा। तुमने मेरे साथ जो किया अगर मैं यह सब बाहर बता दूं तो तुम्हारी जिंदगी खत्म हो जाएगी। मैं तुम पर झूठा केस कर दूंगी और तुम जेल में सड़ जाओगे। रोहन डर गया। उसकी जिंदगी दांव पर थी।

मजबूरी में उसने मैडम की बात मान ली और यह सब जारी रखा। लेकिन अब हर पल उसे भारी लगता था। वह रात को नींद नहीं पाता था। उसका चेहरा उदास रहने लगा और वह अपने दोस्तों से कटने लगा।

उसे लगने लगा कि उसकी जिंदगी एक अंधेरे गड्ढे में गिर रही है। आखिरकार एक दिन रोहन ने ठान लिया कि वह इस जाल से निकलने का सिर्फ एक ही रास्ता है। मैडम को खत्म करना। उसने योजना बनाई। एक शाम वो अपने बैग में एक तेज चाकू लेकर मैडम के घर गया। ट्यूशन शुरू हुआ। मैडम उसे पढ़ा रही थी और रोहन चुपचाप अपनी किताबों में देख रहा था। फिर अचानक उसने बैग से चाकू निकाला और मैडम की ओर झपटा। चाकू मैडम के पेट में घुस गया।

मैडम की आंखें चौड़ी हो गई और उनके मुंह से एक दबी हुई चीख निकली। रोहन ने उनका मुंह दबा दिया और बार-बार चाकू से वार किया। खून फर्श पर फैलने लगा। मैडम की साड़ी लाल हो गई और उनका शरीर बेजान होकर गिर पड़ा। रोहन का हाथ कांप रहा था लेकिन उसने रुकने की हिम्मत नहीं की। उसने मैडम की सांसे बंद होने तक वार किए। अब रोहन के सामने एक लाश थी। उसने घबराहट में इधर-उधर देखा। अपार्टमेंट में सन्नाटा था। उसने मैडम के शरीर को एक पुरानी चादर में लपेटा। खून की बूंदे फर्श पर टपक रही थी। लेकिन उसने जल्दी से उन्हें साफ किया। फिर रात के अंधेरे में वह चादर में लिपटी लाश को लेकर बाहर निकला। कॉलोनी की गलियां सुनसान थी। उसने लाश को एक पास की गटर में फेंक दिया। जहां कोई उसे आसानी से ना देख सके। अगले दिन जब मैडम का कोई अता-पता नहीं चला तो पड़ोसियों ने पुलिस को बुलाया। जांच शुरू हुई।

पुलिस ने इमारत की सीसीटीवी फुटेज देखी जिसमें रोहन को आते-जाते देखा गया था। कुछ ही घंटों में पुलिस रोहन के घर पहुंच गई। रोहन को पकड़ लिया गया। पूछताछ में वह पहले तो चुप रहा। लेकिन जब पुलिस ने दबाव डाला और सबूत दिखाए तो वह टूट गया। उसने सब कुछ कबूल कर लिया। मैडम की हरकतें, उनकी धमकी और आखिरी में उसकी हत्या। अदालत में मामला चला। रोहन को 10 साल की सजा सुनाई गई।

एक लड़का जो गणित सीखने गया था, अब एक अपराधी बन चुका था। यह कहानी खत्म होती है एक सवाल के साथ। क्या रोहन का यह कदम सही था? शायद नहीं। लेकिन यह हमें सिखाती है कि जिंदगी के फैसले सोच समझ कर लेने चाहिए। वरना अंजाम ऐसा हो सकता है जो जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दे। अगर आपको हमारी मेहनत और यह वीडियो पसंद आई तो एक लाइक जरूर करें।

Ankit Verma

अंकित वर्मा एक रचनात्मक और जिज्ञासु कंटेंट क्रिएटर हैं। पिछले 3 वर्षों से वे डिजिटल मीडिया से जुड़े हैं और Tophub.in पर बतौर लेखक अपनी खास पहचान बना चुके हैं। लाइफस्टाइल, टेक और एंटरटेनमेंट जैसे विषयों में विशेष रुचि रखते हैं।

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