आज मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूं जो मुंबई की बोरीवली कॉलोनी में घटित हुई। यह कहानी रोमांस, कामुकता, रहस्य, सस्पेंस और अपराध से भरी है। यह एक ऐसी दास्तान है जो दिल को दहला देगी और दिमाग में सवाल छोड़ जाएगी। तो चलिए शुरू करते हैं। बोरीवली मुंबई का एक मध्यमवर्गीय उपनगर।
दिन में यहां बाजारों की रौनक और गलियों में बच्चों की चहल-पहल रहती थी। लेकिन शाम होते ही एक अजीब सन्नाटा छा जाता था। सड़कों पर स्ट्रीट लाइट की मध्यम रोशनी और दूर से आती ट्रेनों की आवाज ही इकलौता शोर होती थी। इसी कॉलोनी में एक पुरानी चार मंजिला इमारत थी।
जिसके दूसरे माले पर रहती थी श्रीमती अनीता शर्मा। अनीता एक 35 साल की खूबसूरत महिला जो अपनी जवानी के दिनों की तरह ही आकर्षक थी। उनके पति विदेश में नौकरी करते थे और साल में बस एक-दो बार घर आते थे। इस वजह से अनीता अपने छोटे से अपार्टमेंट में अकेली रहती थी। रोहन एक 18 साल का कॉलेज छात्र इसी कॉलोनी में अपने माता-पिता के साथ रहता था।
गणित में उसकी कमजोरी की वजह से उसके माता-पिता ने उसे ट्यूशन लगवाया था और ट्यूशन का ठिकाना था अनीता मैडम का घर। रोहन का पहला दिन था। शाम के 6:00 बजे जब आसमान में नारंगी रंग की छटा बिखर रही थी। रोहन ने मैडम के अपार्टमेंट की घंटी बजाई। दरवाजा खोला और सामने खड़ी थी अनीता मैडम।
नीली साड़ी में उनकी खूबसूरती देखते ही बनती थी। उनकी मुस्कान में एक गर्मजशी थी जो रोहन को अंदर खींच ले गई। अपार्टमेंट छोटा था। लिविंग रूम में एक पुराना सोफा, एक लकड़ी की टेबल और दो कुर्सियां थी। रोहन ने अपनी किताबें टेबल पर रखी और मैडम ने उसे बैठने को कहा। उस दिन मैडम ने बड़े प्यार से उसे गणित पढ़ाया।